ध्यान का रहस्य – एक प्रेरणादायक और मजेदार कहानी

बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में मोहन नाम का एक व्यक्ति रहता था, जिसे ध्यान और योग करने का बहुत शौक था। लेकिन एक समस्या थी – जब भी वह ध्यान करने बैठता, उसका मन इधर-उधर भागने लगता।

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Secret of meditation - an inspirational and fun story

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बहुत समय पहले की बात है। एक गाँव में मोहन नाम का एक व्यक्ति रहता था, जिसे ध्यान और योग करने का बहुत शौक था। लेकिन एक समस्या थी – जब भी वह ध्यान करने बैठता, उसका मन इधर-उधर भागने लगता। कभी उसे गाय दिखती, कभी कुत्ते, और कभी तो पूरा जंगल ही उसके मन में घूमने लगता!

एक दिन वह बहुत परेशान होकर गुरुजी के आश्रम पहुँचा और बोला,
"गुरुजी, मैं ध्यान करने की बहुत कोशिश करता हूँ, लेकिन सफल नहीं हो पाता। मुझे कुछ उपाय बताइए जिससे मेरा मन एक जगह केंद्रित हो जाए!"

गुरुजी ने मुस्कुराते हुए पूछा,
"अच्छा, जब तुम ध्यान करते हो, तो सबसे ज्यादा क्या दिखाई देता है?"

मोहन बोला,
"गुरुजी, मैं तो भगवान का ध्यान करना चाहता हूँ, लेकिन जैसे ही आँखें बंद करता हूँ, मुझे हर तरफ बस बंदर ही बंदर दिखते हैं!"

गुरुजी ने गंभीरता से कहा,
"तो ठीक है! आज से तुम ध्यान करते समय बस एक बात याद रखना – 'बंदर के बारे में बिल्कुल मत सोचना!' ध्यान रखना, एक भी बंदर का ख्याल तुम्हारे मन में न आए!"

मोहन ने सोचा, "अरे वाह! यह तो आसान है! अब मैं ध्यान में सफल हो जाऊँगा!" वह खुशी-खुशी घर चला गया।


🐒 ध्यान में सिर्फ बंदर ही बंदर!

अगले दिन, मोहन ने आसन लगाया, आँखें बंद की और सोचा, "अब से मैं बंदर के बारे में बिल्कुल नहीं सोचूँगा!"

लेकिन जैसे ही उसने यह सोचा, बंदर आ गए! 🐒

एक बंदर उसकी नाक पर बैठा नजर आया, दूसरा सिर के ऊपर उछल-कूद कर रहा था। कभी कोई बंदर पूंछ हिला रहा था, तो कभी कोई उसके कान पकड़कर झूल रहा था! पूरा ध्यान बंदरों से भर गया!

मोहन ने बहुत कोशिश की, "बंदर नहीं, बंदर नहीं, बंदर के बारे में मत सोचना!"

लेकिन जितना वह 'बंदर के बारे में मत सोचने' की कोशिश करता, उतना ही उसके दिमाग में बंदर कूदने लगते! पूरा जंगल ही बस गया उसके ध्यान में!

तीन दिन तक यही होता रहा। हारकर वह फिर से गुरुजी के पास गया और बोला,
"गुरुजी, यह क्या रहस्य बताया आपने? मैं तो पहले कम बंदर देखता था, अब तो ध्यान लगाते ही पूरा बंदर सेना आ जाती है!"

गुरुजी मुस्कुराए और बोले,
"अच्छा, इन तीन दिनों में तुम्हें कभी गाय दिखी?"

मोहन ने चौंककर कहा,
"गाय? नहीं गुरुजी, मुझे तो बस बंदर ही बंदर दिखते रहे!"

गुरुजी ने हंसते हुए कहा,
"यही ध्यान का रहस्य है, मेरे बेटे! अगर तुम किसी चीज के बारे में 'मत सोचने' की कोशिश करोगे, तो वही चीज तुम्हारे दिमाग में बार-बार आएगी! ध्यान का मतलब है, जिस चीज को सोचना चाहते हो, बस उसी पर ध्यान लगाओ।"

मोहन को बात समझ में आ गई। उसने सोचा, "अब मैं बंदर के बारे में मत सोचने की जगह भगवान के बारे में सोचूंगा!"


🌟 कहानी से सीख

👉 जो नहीं चाहिए, उसके बारे में मत सोचो, बल्कि जो पाना चाहते हो, उसी पर ध्यान केंद्रित करो।
👉 मन को नियंत्रित करने के लिए सही दिशा में सोचो, न कि किसी चीज़ को जबरदस्ती रोकने की कोशिश करो।
👉 ध्यान में सफलता के लिए अपने मन को सकारात्मक विचारों से भरना जरूरी है।
👉 जिस चीज को भूलना चाहते हो, उसके बारे में ‘मत सोचने’ की कोशिश मत करो, बल्कि अपनी ऊर्जा सही लक्ष्य पर लगाओ।

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